Jaisalmer Fort wall broken, stones fell, no casualties
जैसलमेर दुर्ग की दीवार टूटी पत्थर गिरे जिससे लोगों में दहश
Jaisalmer Fort wall broken, stones fell, no casualties
जैसलमेर किले की दीवार टूटी, पत्थर गिरे कोई हताहत नहीं
जैसलमेर, 26 नवंबर 2024 by Admin
जैसलमेर दुर्ग की एक दीवार आज टूट गई जिससे काफी संख्या में पत्थर गिरे नीचे काम कर रहे लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई।
वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल 868 वर्ष पुराने इस किले की एक दीवार अचानक टूटकर गिर गई जिससे बड़े बड़े पत्थर गिरने लगे, एकाएक हुए इस हादसे से लोग घबरा गए, गनीमत यह रही कि दीवार गिरी तब सड़क पर कोई वाहन या आदमी नहीं थे नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। दो मजदूरों ने भाग कर अपनी जान बचाई।
घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाली पुलिस तथा पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों तरफ से रास्ता बंद किया और पुरातत्व विभाग की टीम ने क्षति ग्रसित दीवार के अन्य पत्थरो को हटाया जिससे और दीवार नहीं टूटे।
पहले भी गिरी थी दीवार
इसी दुर्ग की दीवार अगस्त माह में पहले भी गिरी थी, अब दुबारा हादसा होने के कारण लोगों में गुस्सा व्यापत है डर के मारे लोगों ने अपनी दुकानों को बंद कर दिया हैं।
868 साल पुराना है दुर्ग
जैसलमेर दुर्ग का निर्माण 868 वर्ष पहले जैसल भाटी ने 1156 ई. में करवाया था, जैसल के नाम पर ही इसका नाम जैसलमेर पड़ा। यह किला प्राचीन भारत के प्रमुख सिल्क रूट पर हैं।यह दुर्ग राजस्थान का प्रमुख लिविंग फोर्ट है जिसमें आज भी 4000 लोग रहते हैं। जैसलमेर दुर्ग ने अपने जीवनकाल में कई आक्रमणों को सहा है तथा इसमें ढाई साके भी हुए हैं।
सोनार का किला भी कहते हैं
भारत से पाकिस्तान की ओर जाने वाले प्राचीन सिल्क रूट के कारण इस किले बनवाया गया था। किले की विशाल पीले बलुआ पत्थर की दीवारें दिन के समय भूरे रंग की होती हैं, जो सूरज ढलने के साथ सुनहरे रंग में बदल जाती हैं, जिससे किला पीले रेगिस्तान में छुप जाता है। इस कारण इसे स्वर्ण दुर्ग, सोनार किला या गोल्डन फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है।
किला त्रिकुटा पहाड़ी पर थार रेगिस्तान के रेतीले विस्तार के बीच स्थित है, इसलिए इसे त्रिकूटगढ़ भी कहा जाता है। जैसलमेर की बढ़ती आबादी के बाद पहली बार 17वीं शताब्दी में किले की दीवारों के बाहर बस्तियां बनी थीं। लेकिन, इसके बावजूद जैसलमेर की मुख्य बस्ती किले कमें अंदर ही रहती हैं।
निर्माण हेतु परमिशन आवश्यक
किले के किसी भी भाग के निर्माण के लिए विशेष परमिशन की आवश्यकता होती हैं क्योंकि यह विश्व विरासत स्थलों में शामिल हैं। इसके अलावा इसमें कई पुराने घर लोगों के भी है जो अब व्यापार हेतु जैसलमेर से बाहर रहते हैं।
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