Caution:- Outbreak of dengue fever
डेंगू बुखार का प्रकोप राजस्थान में फैला
जोधपुर, 03 दिसंबर 2024 by Admin
Caution:- Outbreak of dengue fever
डेंगू बुखार का राजस्थान में प्रकोप बढ़ता ही जा रहा हैं। आए दिन डेंगू से मौत होने की खबर सामने आ रही हैं। डेंगू मच्छर से फैलने वाला खतरनाक बुखार होता हैं। इससे रोगी के खून में प्लेटलेट की कमी हो जाती हैं।
आप जोधपुर में डॉक्टर की मौत
जोधपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव गहलोत का डेंगू के कारण निधन हो गया। उनकी प्लेटलेट घटकर 18 हजार पर आ गई थी। आज सुबह 5 बजे उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
डॉ राजीव गहलोत जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में कार्यरत थे। दो दिन पहले उन्हें बुखार आया था। सोमवार देर रात उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई और उन्हें वसुंधरा हॉस्पिटल लाया गया। डॉ राजीव गहलोत की पत्नी भी डॉक्टर हैं और वो स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।
डेंगू बुखार क्या है:-
डेंगू वायरस जनित बुखार है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता हैं। एडीज काले रंग का मच्छर होता हैं। डेंगू का वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले प्लेटलेट को प्रभावित करता हैं। जिससे शरीर का प्रतिरोधक सिस्टम कमजोर हो जाता हैं। डेंगू का मच्छर आर्टिफिशियल लाइट में ज्यादा एक्टिव होता हैं, और यह ज्यादातर साफ पानी में रहता हैं।
डेंगू के लक्षण
1. तेज बुखार
2. ठंड लगना
3. आंखों की पुतलियों में दर्द
4. मलती या उल्टी आना
5. मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द
6. प्लेटलेट का घटना
7. सिर में तेज दर्द
8. शरीर पर लाल चकते
एडीज मच्छर
डेंगू फैलाने वाला मादा एडीज मच्छर आसपास जमा पानी और पौधों के बीच अंडे देती हैं ।
ये मच्छर छोटे और गहरे रंग के होते हैं। पैर बंधे हुए होते हैं, इसलिए मादा एडीज मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ सकते हैं। सामान्य मच्छरों से ये छोटे होते हैं। आमतौर पर यह मच्छर घर के अंदर काटता हैं।
डेंगू मच्छर दिन में ही काटते हैं। सूर्योदय k 2 घंटे बाद ये एक्टिव होते हैं। सूर्यास्त से पहले तक काटते रहते हैं। ये मच्छर टखनों और कोहनी पर ज्यादा काटते हैं।
बचाव कैसे करें
सबसे जरूरी है सफाई। अपने घर को साफ सुथरा रखें। घर के आसपास पानी इकठ्ठा न होने दें।
खाने में लिक्विड डाइट को बढ़ाए। जंक फूड न खाएं। हरी सब्जियां खाएं। प्रोटीन से भरपूर भोजन करें।
हमेशा कपड़े पूरे पहने जो शरीर को ढक दें।पैरों में मोजे पहने, पूरी आस्तीन का शर्ट पहनें।
खुद को बीमारियों के प्रति जागरूक रखें। जिससे सामान्य लक्षणों से पता लग जाएं।
सेफ्टी प्रोटोकॉल का पालन करें। साफ सफाई रखें।
पर्याप्त मात्रा में नींद लें। बुखार आने पर डॉक्टर को दिखाएं।
बचाव के उपाय
खिड़कियों और दरवाजों पर नेट लगाएं।
मच्छरदानी का प्रयोग करें।
फूल स्लीव के कपड़े पहने।
लिक्विड स्प्रे या क्रीम लगाएं।