Census preparations begin
आर्थिक गणना और जनगणना की तैयारियां शुरू जानिए क्या रिपोर्ट आएगी
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आर्थिक गणना और जनगणना की तैयारियां शुरू, जानिए क्या रिपोर्ट आएगी
नई दिल्ली, 15 दिसंबर 2024 by Admin
Census preparations begin
मोदी सरकार में पहली बार कराई जा रही है पूर्ण आर्थिक गणना
12 साल बाद देश में आर्थिक गणना कराए जाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आर्थिक गणना, जनगणना 2025 के साथ की जाएगी।
केंद्र सरकार में सचिवों की समिति ने यह फैसला लिया हैं।
यह आठवीं आर्थिक गणना होगी
यह आठवीं आर्थिक गणना होगी, इससे पहले सात आर्थिक गणना हो चुकी हैं। आठवीं आर्थिक गणना में गैर कृषि क्षेत्र की सभी गतिविधियां शामिल होगी।
फिक्स्ड दुकानें, मकानों में चल रही इकाइयों के बारे में देखा जाएगा कि इनमें से कितनी वाकई चल रही हैं । कितनी रजिस्टर्ड है और कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं।
इसमें उन इकाइयों के बारे में जानकारी मिलेगी जिनके पास अपने कर्मचारियों का रजिस्टर तक नहीं होता।
इसमें मिला डेटा जिला और राज्य दोनों स्तर पर सामाजिक आर्थिक विकास योजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस बार डाटा संकलन करने के लिए AI का स्तेमाल किया जाएगा जिससे कि कोई गलती होने की आशंका नहीं रहेगी।
आर्थिक गणना का मकसद
आठवीं आर्थिक गणना का मुख्य उद्देश्य एक प्रकार का बिजनेस रजिस्टर तैयार करना हैं। जिसके मुख्य उद्देश्य निम्नानुसार हैं:-
- एक राष्ट्रीय बिजनेस रजिस्टर तैयार करना, जो अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप हो।
- तमाम तरह की आर्थिक गतिविधियों का विवरण तैयार करना और यह देखना कि इनका राज्य, जिला, गांव और वार्ड स्तर पर विवरण किस प्रकार है।
- एमएमएमई एक्ट के तहत पंजीकृत प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी जुटाना, और उनकी संपति का आकलन करना।
- प्रतिष्ठानों में काम कर रहे कार्मिकों की जानकारी जुटाना, यह देखना कि कितने कर्मचारी किस प्रकार के काम में लगे हैं।
- प्रतिष्ठानों की लोकेशन के हिसाब से जियो टैगिंग करना। यह टैगिंग गांव स्तर तक होगी।
14 लाख कर्मचारी लगेंगे जनगणना में
आर्थिक गणना के काम में 10 लाख कर्मचारी और 4 लाख सुपरवाइजर लगाए जाएंगे। जनगणना के साथ ही आर्थिक गणना होगी।
कब – कब हुई हैं आर्थिक गणना
जनगणना तो प्रत्येक 10 वर्षों के अंतराल से होती रही हैं। इस बार कोरोना और अन्य कारणों से जनगणना कार्य 4 वर्ष देरी से शुरू हो रहा हैं।
आर्थिक गणना की बात करें तो यह आठवीं आर्थिक गणना होगी। इससे पहले प्रथम आर्थिक गणना 1977 में हुई थी। इसके बाद 1980, 1990, 1998, 2005 एवं 2019 में हुई थी।
सरकार का अहम फैसला है
केंद्र सरकार का यह फैसला बड़ा महत्वपूर्ण है। क्योंकि 2019 में हुई सातवीं आर्थिक गणना की रिपोर्ट को आधे से अधिक राज्यों ने मंजूरी नहीं दी थी। इस प्रकार आठवीं आर्थिक गणना जीएसटी युग की प्रथम आर्थिक गणना होगी। छठी आर्थिक गणना 2013 में हुई थी और परिणाम 2016 में जारी किए गए थे। मोदी सरकार की यह प्रथम आर्थिक गणना होगी।
वित मंत्रालय ने संसद की स्थाई समिति को सूचित किया है कि सचिवों की समिति ने आर्थिक गणना के परिणाम जारी न करने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार काफी प्रयासों के बावजूद 13 राज्यों ने ही इसकी रिपोर्ट की पुष्टि की थी।
इसके बाद सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 2025 में आर्थिक गणना कराने हेतु तैयारी कर रहा हैं। जिसमें गैर कृषि क्षेत्र के सभी प्रतिष्ठानों, उनके कर्मचारियों की गणना होगी। इनका मिलन GST दे रही कंपनियों और epfo में दर्ज कर्मचारियों की संख्या से किया जाएगा।
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