MynewspostNews

Patients with new disease found in Rajasthan, brain and bones are filled with pus.

राजस्थान में नई बीमारी के मरीज मिले, दिमाग और हड्डियों में मवाद भर जाता हैं।

Patients with new disease found in Rajasthan, brain and bones are filled with pus.

राजस्थान में नई बीमारी के मरीज मिले, दिमाग और हड्डियों में मवाद भर जाता हैं।

जोधपुर,02 दिसंबर 2024 by Admin

जोधपुर ऐम्स में एक नई बीमारी के मरीज मिले हैं, इस बीमारी से दिमाग और हड्डियों में मवाद भर जाता हैं, यह बीमारी प्रथम विश्वयुद्ध के समय भी फैली थी।

प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान 100 साल पहले वियतनाम में फैली ‘मेलिओडोसिस’ नामक बीमारी की राजस्थान में एंट्री हो चुकी है। यह ‘बर्कहोल्डरिया स्यूडोमैलई’ बैक्टीरिया के कारण होती है।

यह बैक्टीरिया इतना घातक है कि दिमाग की नसों और शरीर की हड्डियों में मवाद भर देता है। पिछले 6 महीने में एम्स जोधपुर में 5 मरीज सामने आ चुके हैं। इसमें से एक महिला मरीज की मौत हो चुकी है। वहीं, एक का इलाज अभी चल रहा है।

इस बीमारी को पैदा करने वाला बैक्टीरिया चावल के खेतों और पानी वाली जगहों पर सक्रिय होता है। राजस्थान में पहली बार पाली, जालोर और जोधपुर में 5 मरीजों का सामने आना खतरे का संकेत है।

निमोनिया समझ इलाज कर रहे

एम्स जोधपुर के डॉक्टरों ने बैक्टीरिया जनित इस बीमारी के स्ट्रेन बदलने की आशंका जताई है। जानकारी नहीं होने के चलते डॉक्टर इसे निमोनिया समझकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

मरीज के दिमाग में फैला संक्रमण

पानी और मिट्टी में पैदा होने वाले बर्कहोल्डरिया स्यूडोमैलई बैक्टीरिया सांस के अलावा त्वचा पर किसी तरह के घाव से शरीर में प्रवेश करता है। कई बार मरीज की मौत हो जाती है।

एम्स जोधपुर के डॉक्टरों ने बताया कि हॉस्पिटल में मेलिओडोसिस बीमारी के 5 मरीज सामने आए हैं। इनमें 2 जोधपुर, एक जालोर और एक पाली निवासी है। 5 वें मरीज की डिटेल अभी नहीं मिली है। दो मरीज निमोनिया से पीड़ित थे, जिसके बाद उनकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। एक मरीज को इसी बीमारी के चलते दिमाग का संक्रमण हो गया था। उसके दिमाग में मवाद भरना शुरू हुआ, तथा एक मरीज के लिवर में संक्रमण होने के बाद उसकी हड्डियों में मवाद भरना शुरू हो गया था।

डॉक्टरों के मुताबिक- इस बीमारी से पांचों मरीजों की स्थिति काफी घातक हो गई थी। सांस नहीं आने और शरीर में दर्द के कारण सभी तड़पते रहते थे। दो को समय पर इलाज मिलने पर अब वे स्वस्थ हैं। वहीं, एक मरीज अभी भी एम्स में भर्ती है। एक मरीज की इस रोग में मौत हो चुकी है।

राजस्थान में कभी नहीं मिले इससे पहले मरीज

एम्स जोधपुर की सीनियर रिसर्चर मीनाक्षी बोहरा ने बताया कि इस बीमारी को पैदा करने वाला बैक्टीरिया भारत के पानी वाले और चावल की खेती होने वाले क्षेत्र में सक्रिय होता है। वहां से केस सामने भी आते हैं। लेकिन, अब राजस्थान में 5 मरीज सामने आना काफी गंभीर बात है। राजस्थान में इसकी कोई हिस्ट्री नहीं रही है। अभी भी इसे निमोनिया ही समझा जा रहा है। किसी को पता नहीं है कि इस बैक्टीरिया की चपेट में कितने मरीज आए हैं।

मीनाक्षी बोहरा ने बताया कि हम काफी समय से इस बीमारी पर सर्वे कर रहे हैं। लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। बैक्टीरिया जनित इस बीमारी के मरीज को जल्दी उपचार की जरूरत होती है।  शुक्रवार को मरीज आया है उसके ब्लड और CSF दोनों में बैक्टीरिया की बढ़ोतरी हो रही है। उसका भी हॉस्पिटल में इलाज किया जा रहा है।

जांच केवल एम्स जोधपुर में ही

एम्स जोधपुर में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. विभोर टाक ने बताया कि इसकी जांच एम्स जोधपुर में होती है। यहां पता लगाते हैं कि कौनसा बैक्टीरिया है। इसके साथ ही पीसीआर तकनीक से उसे कई गुना बड़ा कर देखते हैं। इसके बाद इलाज शुरू कर सकते हैं। इसकी जांच के लिए बलगम, खून और मवाद का सैंपल लिया जाता है। इसका जल्द पता चल जाए तो उचित इलाज हो सकता है।

पीसीआर एक प्रयोगशाला तकनीक है जो डीएनए प्रतिलिपि बनाने के लिए उपयोग की जाती है। यह तकनीक मेडिकल क्षेत्र में विशेष रूप से उपयोगी है, जहां इसका उपयोग विभिन्न रोगों के निदान और अनुसंधान में किया जाता है।

कितने मरीज होंगे, यह हैं खतरा

एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी से ग्रसित कितने रोगी होंगे उनकी संख्या का पता लगाना बहुत जरूरी है। क्योंकि, डॉक्टर भी इस बीमारी को समझ नहीं पा रहे। इसे निमोनिया मानकर ही इलाज कर रहे हैं। मरीज ठीक होने की बजाय और ज्यादा गंभीर हो रहा है।

यह बीमारी चावल के खेतों और पानी वाली जगह में ही होती थी। लेकिन, अब राजस्थान के सूखे क्षेत्र में भी इस बैक्टीरिया का सक्रिय होना खतरे की आशंका लग रही है। अभी तक प्रदेश में 5 मरीज सामने आए हैं, लेकिन संख्या ज्यादा होने की आशंका है।

Team mynewspost:-Click here

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button