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Supreme Court said that one cannot demolish someone’s house, new guidelines issued

सुप्रीम कोर्ट ने कहा किसी का घर नहीं तोड़ सकते, नई गाइडलाइन जारी

Supreme Court said that one cannot demolish someone’s house, new guidelines issued

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा किसी का घर नहीं तोड़ सकते, नई गाइडलाइन जारी

नई दिल्ली, 13 नवंबर 2024

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन पर लगाम लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि कार्यपालिका जज नहीं बन सकती हैं। बिना किसी प्रक्रिया आरोपी का घर तोड़ना असंवैधानिक है, देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इसके लिए एक गाइड लाइन जारी की है ।

जस्टिस बी आर गवाई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने बुलडोजर एक्शन पर पूरे देश के लिए 15 गाइड लाइन जारी करते हुए कमेंट किया

” घर सबका सपना होता है, ये बरसों का संघर्ष है और सम्मान की निशानी। अगर घर गिराया जाता है तो अधिकारी को साबित करना होगा कि यह आखिरी रास्ता था, अफसर खुद जज नहीं बन सकते।”

अदालत ने कहा कि अगर गिराने का फैसला ले लिया गया है तो 15 दिन का समय दिया जाए। घर गिरने की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई जाए, कोई अधिकारी गाइड लाइन का पालन नहीं करता हैं तो वह अपने खर्च पर दुबारा प्रॉपर्टी का निर्माण कराएगा तथा मुआवजा देगा।

यह जारी की गाइड लाइन

सुप्रीम कोर्ट ने 15 गाइड लाइन 5 हिस्सों में जारी की

1. नोटिस

१. मालिक को एडवांस नोटिस दिए बिना कोई भी इमारत नहीं गिराई जाएगी। नोटिस इमारत पर सही जगह चिपकाना होगा।

२. कारण बताओ नोटिस 15 दिन पहले देना होगा, इसमें इमारत गिराने की वजह और इस पर सुनवाई की तारीख जरूर देनी होगी।

३. तीन महीने में डिजिटल portal बनाए, जहां ऐसे नोटिस की डिटेल्स और इमारत पर चिपकाए जाने की तारीख बताई जाए।

४. नोटिस जारी किए जाने के तुरन्त बाद एक ऑटो जनरेटेड ई मेल कलेक्टर और डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट को भेजा जाएगा ताकि बैक डेटिंग को रोका जा सके।

2. व्यक्तिगत सुनवाई

५. सुनवाई की तारीख देनी होगी। इस सुनवाई के दौरान इमारत के मालिक के बयानों को रिकॉर्ड किया जाय।

3. आदेश में क्या जरूरी

६. आदेश में यह बताना जरूरी है कि इमारत या निर्माण गिराए जाने का कदम जरूरी क्यों है। यह भी बताएं कि क्या इमारत ढहाना ही आखिरी रास्ता है या फिर एक हिस्सा भी गिराया जा सकता हैं ।

७. आदेश जारी होने के बाद 15 मिनट तक इसे लागू नहीं किया जाएगा ताकि मालिक को अवैध निर्माण हटाने का वक्त मिल सके।

4. निर्माण गिराने की प्रोसेस

८. वही निर्माण गिराया जाएगा जो अवैध है, और जिसे ढहाया जाना ही एक रास्ता है।

९. जहां मकान ढहाया जा रहा है, उसकी एक डीटेल्ड स्पॉट रिपोर्ट बनाई जाए। इस कार्रवाई की वीडियोग्राफी हो, जिसमें पुलिस और अधिकारी भी शामिल हो।

१०. डीटेल्ड स्पॉट रिपोर्ट को डिजिटल portal पर दिखाना जरूरी है।

5. गाइड लाइन तोड़ने पर एक्शन

११. गाइड लाइन तोड़ने पर कोर्ट की अवमानना का केस चलेगा या अन्य कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

१२. संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उसे गिराई गई इमारत दुबारा निर्माण करानी होगी।

इस गाइड लाइन के जारी होने पर बुलडोजर एक्शन वाले राज्यों में तहलका मचा हुआ हैं।

आज जो फैसला दिया गया जो सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत लिया गया। अनुच्छेद 142 सुप्रीम कोर्ट को विशेष शक्ति देता हैं।

क्या हैं अनुच्छेद 142

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 142 कोर्ट को विवेकाधीन शक्ति देता हैं, दरअसल जिन मामलों में अब तक कानून नहीं बन पाया है उन मामलों में न्याय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता हैं।

किसने लगाई याचिका

UP, MP और राजस्थान में लगातार बुलडोजर एक्शन के बाद जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा हैं।

बुलडोजर एक्शन वाले राज्य

बुलडोजर एक्शन सबसे ज्यादा उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में लिए गए।।एक रिपोर्ट के अनुसार अकेले मध्य प्रदेश ने 2020 से 2022 तक 12640 निर्माणों पर बुलडोजर चला।

उतर प्रदेश सरकार ने फैसले का स्वागत किया

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबसे पहले उतर प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया आई हैं सरकार ने कहा इस फैसले से संगठित अपराधों पर कसेगा शिकंजा।

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